Thursday, March 16, 2023

नारी बखान – आभा गुप्ता

जीवन का मधुर संगीत है

तो मृत्यु सी दहाड़ है नारी,

रिश्तों के लिए है मोम

तो आन के लिए पहाड़ भी है नारी,

हवाओं से जूझती हुई लौ

तो चट्टानों के प्रहार झेलती हुई नदी है नारी,

तन से कोमल मन से बलवान

जीवन का विस्तार है नारी,

बलिदानी महान है सम्मान है

अभिमान है वरदान है नारी,

फूल है बहार है रूप है श्रंगार है

सभी रसों की खान है प्रेमिका है नारी,

सम्पूर्ण जगत के भार को

धारने वाली धरा है प्रकृति है नारी,

चल है अचल है लक्ष्मी है किसी भी रूप मे हो

कहाँ नहीं है नारी,

– आभा गुप्ता

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