इस धरा पर सबकी मुस्कान हो
अब ईश्वर ने तुम्हे बनाया होगा सच में बड़ी शिदत से तुमको इस दुनियाँ में सबसे अधिक सुन्दर बनाया होगा
कितने रूप धरे तुमने इस जगत में
सारी कायनात तुमसे ही जन्मी होगी
तुमने इस दुनियाँ में नई चेतना जगाई
जिसे आज तक कोई समझ नहीं पाया
मां बहन रखा प्रेमिका का रूप निभाकर
अनंत अपार असीम तेरी माया इस दुनियाँ में
हे नारी नहीं कोई तेरा पार पाया
जहान मे सारा दर्द मुस्कुराते तुने अपनाया
शब्द नही तेरी माया का गुणगान करूं
समस्त विश्व की आदि और अन्त तुम्ही हो
तुमको कोटि कोटि प्रणाम नित करता हूँ
तुम सा नहीं कोई इस जगत मे
तुम ही जीवन और मृत्यु की पहचान हो
– डॉ बलवंत सिंह राणा
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