हो ज्वाला सी चिंगारी भी तुम
सृष्टि का हो सार भी तुम
तो जीवन का आधार भी तुम
भक्ति की आवाज भी तुम
तो शक्ति का आगाज भी तुम
नारी भी तुम सुकुमारी भी तुम
हो ज्वाला सी चिंगारी भी तुम
हो वीणा की झंकार भी तुम
तो दुर्गा सी हुंकार भी तुम
हो मृगनयनी सी चंचल तुम
तो विंध्यवासिनी अचल भी तुम
नारी भी तुम सुकुमारी भी तुम
हो ज्वाला सी चिंगारी भी तुम
हो दुनिया से अंजान भी तुम
तो दुनिया की पहचान भी तुम
जो कहते हे गुमनाम हो तुम
तो उनका भी तो नाम हो तुम
नारी भी तुम सुकुमारी भी तुम
हो ज्वाला सी भी चिंगारी तुम
– भारती नामदेव
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