कभी मां बन कर मिलती हो
कभी बहन बन कर दिखती हो
कभी बीवी बन कर हमसफर का
जीवन भर साथ निभाती हो
वो कभी छांव सी बन जाती है
वो कभी धूप बन जाती है
सुख दुःख में फिर साथ निभाकर
समाज को जोड़े रखती है
कहता है कवि सी. एल. दिवाना
नारी तुम कितनी महान हो
नारी तुमको शत शत नमन है
– सी. एल . दिवाना
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