तुम तो वह शक्ति हो दुर्गे जो करती सिंह सवारी
तेरी शक्ति कथा से भरे पड़े हैं सब इतिहास हमारे
तुम को अबला कहने वाले शायद यह भूल चुके हैं सारे
तुम ही हो लक्ष्मी तुम ही सरस्वती कालिका हमारी तुम ही
भोग विलास कि नहीं वस्तु तुम, हम सबकी हो समस्त शक्ति तुम
मां के रूप में तुम अनुसुइया, बहन के रूप में एनी बेसेंट
पत्नी के रूप में तुम सावित्री, रानी के रूप में लक्ष्मीबाई हो
हम सबकी तुम प्रथम गुरु हो जो रखती लाज हमारी
क्यों बनती हो तुम अबला अब ओ भारत की नारी ?
तुम ही हो राधा तुम ही मीरा तुम ही नानी बाई
पहचानो अब अपने आपको ओ भारत की नारी
– प्रमोद उपाध्याय
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