समाज की आदर्श है नारी
शक्ति की पहचान है नारी
पथ की प्रतीक्षा है नारी
संकल्प की सोपान है नारी
दुख- दर्द में समर्पण है नारी
सुख का सागर है नारी
समाज का गौरव है नारी
गौरव पथ पर चलती नारी
नवल कीर्तिमान गढ़ती नारी
विजयश्री का परचम लहराती नारी
विध्वंस का प्रलयकारी रूप है नारी
जीवन की फूलवारी है नारी
करूणा की मूर्ति है नारी
रामायण का प्रारब्ध है नारी
महाभारत का अंत है नारी
पुरूष का मान है नारी
घर की शान है नारी
चौसठ कला की देवी है नारी
समाज की धुरी है नारी
प्रकृति की सुंदर रचना है नारी
सृष्टि की सृजना है नारी
– डॉ. मनीषा त्रिपाठी
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