ONLINE PORTAL FOR ALL THE PUBLISHED POEMS OF THE BOOK SIMANTINI BY AMIT PATHAK WITH ISBN : 978-93-5813-407-0 .
Tuesday, March 28, 2023
मै नारी हूं – कमल पटेल जी
Monday, March 27, 2023
स्त्री : एक परिचय – मेघा शर्मा (मेरी गुल्लक शब्दों का संग्रह)
Friday, March 24, 2023
औरत तुम महान हो – बलवंत सिंह राणा
Monday, March 20, 2023
नारी भी तुम, सुकुमारी भी तुम – भारती नामदेव
हुंकार – डॉ मनीषा दंडवते
नारी शक्ति महान – शीला गोदरे
समानता – पूजा चोपड़ा
मेरी धरती अलग , तेरा आसमान अलग है
प्रकृति ने हम दोनों को दी पहचान अलग है
चाँद और सूरज में समानता कैसी ?
दोनों के महत्वपूर्ण हैं , पर स्थान अलग है
हम दोनों तो पुरक है एक दूसरे के
एक के बिना दूसरे का अस्तित्व ही नहीं है
एक पहिये पर कोई गाड़ी चलती नहीं है
दोनों एक समान वज़न उठाते हैं
तब उस समय का पहिया चलाते हैं
पहले का वक़्त अलग था
अब समय की माँग अलग है
समानता तो केवल विचारों में होनी चाहिए
तेरी परवरिश अलग है ,मेरे संस्कार अलग है
मेरी धरती अलग तेरा आसमान अलग है
– पूजा चोपड़ा
भारत की नारी – प्रमोद उपाध्याय
Thursday, March 16, 2023
नारी बखान – आभा गुप्ता
जीवन का मधुर संगीत है
तो मृत्यु सी दहाड़ है नारी,
रिश्तों के लिए है मोम
तो आन के लिए पहाड़ भी है नारी,
हवाओं से जूझती हुई लौ
तो चट्टानों के प्रहार झेलती हुई नदी है नारी,
तन से कोमल मन से बलवान
जीवन का विस्तार है नारी,
बलिदानी महान है सम्मान है
अभिमान है वरदान है नारी,
फूल है बहार है रूप है श्रंगार है
सभी रसों की खान है प्रेमिका है नारी,
सम्पूर्ण जगत के भार को
धारने वाली धरा है प्रकृति है नारी,
चल है अचल है लक्ष्मी है किसी भी रूप मे हो
कहाँ नहीं है नारी,
– आभा गुप्ता
Tuesday, March 14, 2023
सृष्टि – सुचित्रा श्रीवास्तव
Monday, March 13, 2023
नारी – श्याम चौहान
Saturday, March 11, 2023
महिला दिवस – ज्योति जैन
Friday, March 10, 2023
क्यूं मैं सीमंतिनी कहलाई ? – अमित पाठक शाकद्वीपी
मैं हूं सीमंतिनी – वर्षा श्रेयांस जैन
Thursday, March 9, 2023
जागृति– ज्योत्सना चौहान
Sunday, March 5, 2023
सीमंतिनी – मोहन लाल शर्मा जी
तुम्हें शत शत नमन – सी एल दीवाना
सीमंतिनी – सरिता सोनी जी
नारीत्व – अमित पाठक शाकद्वीपी
Saturday, March 4, 2023
नारी तेरे रुप अनेक – डा मनीषा त्रिपाठी
समाज की आदर्श है नारी
शक्ति की पहचान है नारी
पथ की प्रतीक्षा है नारी
संकल्प की सोपान है नारी
दुख- दर्द में समर्पण है नारी
सुख का सागर है नारी
समाज का गौरव है नारी
गौरव पथ पर चलती नारी
नवल कीर्तिमान गढ़ती नारी
विजयश्री का परचम लहराती नारी
विध्वंस का प्रलयकारी रूप है नारी
जीवन की फूलवारी है नारी
करूणा की मूर्ति है नारी
रामायण का प्रारब्ध है नारी
महाभारत का अंत है नारी
पुरूष का मान है नारी
घर की शान है नारी
चौसठ कला की देवी है नारी
समाज की धुरी है नारी
प्रकृति की सुंदर रचना है नारी
सृष्टि की सृजना है नारी
– डॉ. मनीषा त्रिपाठी
नारी जीवन – बलराम सोनी
हम भी वीरांगनाएं – राजीव कुमार
नारी तुझ सा देशभक्ति कौन जगाता ?
ममता का कर खण्डन
ललाट पे मल रक्त चंदन
अपना प्रिय-रघुनन्दन
गर्व से भेज देती हैं रण
कि सुरक्षित रहे भारत माता
नारी तुझ सा देशभक्ति कौन जगाता ?
पुत्र प्राण देश पे न्यौछावर
पति प्राण की भेट चढ़ा कर
देश प्रेम पे सर्वस्व लूटा कर
गर्व से तेरा सिर उठ जाता
नारी तुझ सा देशभक्ति कौन जगाता ?
– राजीव कुमार